Department of languages Faculty of Arts & Social Science

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2025

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प्रेस विज्ञप्ति
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस-2025

राहुल सांकृत्यायन सुभारती स्कूल ऑफ लिंग्विस्टिक्स एंड फॉरेन लैंग्वेजेज (भाषा विभाग), कला एवं सामाजिक विज्ञान संकाय, सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ तथा अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ का आयोजन 21 फरवरी 2025 को किया गया। आयोजन का शुभारंभ तथागत ध्यान केंद्र में दीप प्रज्ज्वलन और मंत्रोच्चार के साथ हुआ।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी. के. थपलियाल ने कहा कि मनुष्य का मनोविकास मातृभाषा के द्वारा ही संभव है। मातृभाषा ही वह शक्ति है, जो मानव हृदय में छिपे विचारों, भावनाओं और अनुभवों को शब्दों में व्यक्त करने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में मातृभाषा और बहुभाषा के प्रचार-प्रसार पर विशेष बल दिया गया है, क्योंकि राष्ट्र निर्माण मातृभाषा के बिना संभव नहीं।

स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शल्य राज ने कहा कि मातृभाषा हमें राष्ट्रीयता से जोड़ती है और देशप्रेम की भावना उत्प्रेरित करती है। यह किसी भी व्यक्ति के संप्रेषण कौशल का मूल स्रोत होती है। एक कुशल संप्रेषक अपनी मातृभाषा के प्रति उतना ही संवेदनशील होता है, जितना विषय-वस्तु के प्रति। मातृभाषा के बिना किसी राष्ट्र की संस्कृति अधूरी होती है, और यह सांस्कृतिक विविधता के संरक्षण का प्रमुख साधन है।

सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज के विभागाध्यक्ष डॉ चन्द्रकीर्ति ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का उद्देश्य विश्व की विविध भाषाओं और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करना, मातृभाषाओं का संरक्षण करना और उन्हें बढ़ावा देना है।

भाषा विभाग की अध्यक्ष एवं आयोजन समन्वयक डॉ. सीमा शर्मा ने कहा कि डिजिटल युग में भाषाई प्रतिनिधित्व की असमानता एक बड़ी चुनौती है। वर्तमान में केवल 100 से भी कम भाषाएँ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रूप से उपयोग की जा रही हैं। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, एआई टूल्स और ऑनलाइन शिक्षा में अधिक भाषाई प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना आधुनिक युग में भाषाई विविधता की रक्षा के लिए आवश्यक है।

प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ- कार्यक्रम के अंतर्गत विश्वविद्यालय स्तर पर लोक संस्कृति पर आधारित काव्य पाठ, गायन एवं भाषण प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं, जिनमें विभिन्न महाविद्यालयों के लगभग 100 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। भाषा विभाग, सुभारती विधि संकाय, लिबरल आर्ट्स, पत्रकारिता विभाग, फार्मेसी संकाय, एवं भाषा विभाग के छात्रों ने अपनी विचारपूर्ण एवं संगीतमय प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इस अवसर पर छात्रों ने बांग्ला, मणिपुरी, पंजाबी, भोजपुरी, हिंदी, उर्दू, मराठी एवं गुजराती आदि भाषाओँ में अपनी प्रस्तुतियांदीं । इन प्रतियोगिताओं का मूल्यांकन प्रो. राजेश्वर पाल और डॉ. शरण पाल द्वारा किया गया।

इस आयोजन में डॉ. मुकेश मेहता ने अपनी स्वरचित कविता का पाठ किया तथा डॉ. रफत खानम, डॉ. यशपाल, डॉ. आशीष कुमार, प्रो. राजेश्वर पाल, डॉ. शरण पाल, डॉ. स्वाति शर्मा, डॉ. निशि राघव, डॉ. रणवीर, डॉ. प्रीति शर्मा, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. संजय कुमार, डॉ. पल्लवी मुखर्जी सहित अनेक शिक्षकों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। भाषा विभाग, सुभारती विधि संकाय, लिबरल आर्ट्स, पत्रकारिता विभाग, फार्मेसी संकाय, एवं भाषा विभाग के छात्रों ने अपनी विचारपूर्ण एवं संगीतमय प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।

यह आयोजन सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज के सलाहकार डॉ. हीरो हितो के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। भाषा विभागाध्यक्ष एवं आयोजन समन्वयक डॉ. सीमा शर्मा ने सभी सहभागियों, अतिथियों और विद्यार्थियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस आयोजन के उद्देश्य:

  1. मातृभाषा के महत्व को रेखांकित करना और उसके संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देना।
  2. भाषाई और सांस्कृतिक विविधता का सम्मान करना एवं उसे बनाए रखना।
  3. डिजिटल युग में भाषाई प्रतिनिधित्व बढ़ाने की आवश्यकता पर जागरूकता फैलाना।
  4. मातृभाषा में शिक्षा के महत्व को उजागर करना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप इसे बढ़ावा देना।
  5. छात्रों और समाज के विभिन्न वर्गों को मातृभाषा की समृद्धि एवं विरासत से जोड़ना।

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