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तीन दिवसीय “प्रथम कौरवी लोक महोत्सव”

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संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार

द्वारा अनुदानित

सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज एवं  सहयोगी निकाय नन्दलाल बोस सुभारती कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स एंड फैशन डिजाइन, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ के द्वारा आयोजित

तीन दिवसीय

“प्रथम कौरवी लोक महोत्सव”

15 से 17 फरवरी 2023

स्थान- सत्यजीत रॉय प्रेक्षागृह, नन्दलाल बोस सुभारती कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स एंड फैशन डिजाइन, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय

एन.एच 58, सुभारतीपुरम, दिल्ली हरिद्वार बाईपास रोड, मेरठ 250004 उत्तर प्रदेश

विशेष आकर्षण
विश्व विख्यात कलाकार पद्मश्री डॉ.  माधुरी बड़थ्वाल जी के द्वारा 12 से 14 फरवरी तक विशेष प्रशिक्षण |

‘लोक’ शब्द का प्रयोग प्राचीन वैदिक साहित्य में भिन्न-भिन्न प्रसंगों में किया गया है। कहीं इसे ‘जन साधारण’ शब्द के पर्यायवाची रूप में, तो कहीं इसका अर्थ जीव तथा स्थान विशेष को इंगित करने के लिए भी किया गया है। हिन्दी शब्द कोश में ‘लोक’ शब्द के लिए स्थान विशेष, संसार, प्रदेश, जन या लोग, समाज, प्राणी, यश, दिशा आदि अर्थ उल्लिखित है। ‘लोक’ के संदर्भ में डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी जी की यह परिभाषा भी उल्लेखनीय है- ‘‘ ‘लोक’ शब्द का अर्थ ‘जनपद’ या ‘ग्राम्य’ नहीं है, बल्कि नगरों और ग्रामों में फैली हुई वह समूची जनता है, जिनके व्यावहारिक ज्ञान का आधार पोथियाँ नहीं हैं।” इस प्रकार कह सकते हैं कि लोक मानस की मूल वृत्तियों की अभिव्यक्ति है जिसमें किसी भी मानव जाति के भाषा, साहित्य, संस्कृति, परम्परा, धर्म, दर्शन, कला, देश, सभ्यता एवं सामाजिक आकांक्षाओं का अवलोकन किया जा सकता है।

वर्तमान में तथाकथित आधुनिक शिष्ट साहित्य के प्रकाश में लोक साहित्य के तत्व यथाः लोकगीत, लोकनृत्य, लोकनाट्य, लोककथा, लोककला आदि धूमिल हो रहे हैं। समय रहते इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज’, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ के द्वारा ‘संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार’ के आर्थिक सहयोग से 15 से 17 फरवरी, 2023 तक त्रि-दिवसीय “प्रथम कौरवी लोक महोत्सव” आयोजित किया जा रहा है।

08 से 14 फरवरी ‘प्रथम कौरवी लोक महोत्सव’ कार्यशाला

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अनुदानित तीन दिवसीय “प्रथम कौरवी लोक महोत्सव” के अंतर्गत कौरवी लोक संस्कृति के संरक्षण एवं प्रथम कौरवी लोक महोत्सव सफल आयोजन हेतु दिनाँक 08  से 14 फरवरी तक एक कार्यशाला का भी आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य विद्यर्थियों को कौरवी लोक संस्कृति का परिचय प्रदान कर प्रस्तुति हेतु तैयार करना है। इस कार्यशाला में पंजीकरण हेतु लिंक संलग्न किया जा रहा है-

विशेष आकर्षण
विश्व विख्यात कलाकार पद्मश्री डॉ.  माधुरी बड़थ्वाल जी के द्वारा 12 से 14 फरवरी तक विशेष प्रशिक्षण |

अधिक जानकारी हेतु आप इन नंबरों पर 7060052223, 9457034271  सम्पर्क कर सकते हैं।

महोत्सव आयोजन के उद्देश्य

  1. कौरवी लोक महोत्सव मानाने का उद्देश्य कौरवी लोक संस्कृति के प्रति जागरूक करना एवं इसका संरक्षण करना है।
  2. इस महोत्सव में कौरवी लोक गायक, नर्तक, कवि एवं लोक कलाकार इस महोत्सव अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे, जिससे जनरुचि जाग्रत होगी।
  3. इन प्रस्तुतियों में कौरवी लोक संस्कृति सजीव हो उठेगी और एक बड़ा वर्ग इसकी महत्ता को समझ सकेंगा।
  4. कौरवी लोक साहित्य की प्राचीन परंपरा का ज्ञान प्राप्त करना।
  5. कौरवी समृद्ध लोक साहित्य को नष्ट होने से बचाना एवं कौरवी लोक साहित्य में व्याप्त ज्ञान को संचित करना।

विश्वविद्यालय परिचय

स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अधिनियम, 1956 की धारा- 2 (एफ) के अंतर्गत एक विश्वविद्यालय है, जिसे स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश अधिनयम, 2008 के अंतर्गत स्थापित किया गया है।

विश्वविद्यालय की स्थापना महायान थेरवाद वज्रयान बौद्ध धार्मिक और धर्मार्थ ट्रस्ट, मेरठ के तत्वावधान में की गई है, जिसने शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज कल्याण के क्षेत्र में सेवा के उल्लेखनीय कीर्तिमान स्थापित किए हैं। विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में है तथा राष्ट्रीय राजमार्ग-58, दिल्ली बाईपास रोड, मेरठ पर स्थित है, विश्वविद्यालय परिसर को ‘सुभारतीपुरम’ कहा जाता है। इस परिसर का विस्तार लगभग 250 एकड़ भूमि पर है, जिसमें भव्य भवन, हरे-भरे उपवन, वाटिकाएँ तथा क्रीड़ा स्थल हैं। विश्वविद्यालय 5000 से अधिक लोगों के साथ, इस परिसर के परिवेश को जीवंत, सर्वोत्कृष्ट एवं विश्वस्तरीय संस्थान बनाने के लिए समर्पित है।

विश्वविद्यालय के कई घटक महाविद्यालय हैं, जो अधिकाँश विषयों जैसे मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग, फिजियोथेरेपी, पैरामेडिकल, फार्मेसी, नेचुरोपैथी, योगिक विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, विधि, पत्रकारिता, शिक्षा, पुस्तकालय, कला और विज्ञान, होटल मेनेजमेंट, बौद्ध अध्ययन आदि में उच्च शिक्षा प्रदान करते हैं।

विश्वविद्यालय को 2013 में ‘भारतीय विश्वविद्यालय संघ’ की सदस्यता से सम्मानित किया गया है। ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस ऑफ इंटेलेक्चुअल एंड स्कूल ऑफ एजुकेटर्स ने विश्वविद्यालय को शिक्षा, विज्ञान, स्वास्थ्य सेवा, राष्ट्रीय एकीकरण, सामाजिक सशक्तिकरण और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के क्षेत्र में किये गए उत्कृष्ट योगदान के लिए “आउटस्टैंडिंग यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर 2013-2014” से सम्मानित किया है। साथ ही विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कई पाठ्यक्रमों संचालित हैं, जिन्हें यूजीसी के दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो (पूर्व में यूजीसी-एआईसीटीई-डीईसी की संयुक्त समिति द्वारा अनुमोदित किया गया है)। विश्वविद्यालय को वर्ष 2022 में NAAC द्वारा ‘ए’ ग्रेड प्रदान किया गया है।

सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज परिचय

सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ, उत्तर प्रदेश, भारत द्वारा स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध अध्ययन केंद्र है। इस संस्थान की स्थापना के अवसर पर 13 देशों के बौद्ध प्रतिनिधियों ने आशातीत प्रतिक्रिया दी तथा विश्वविद्यालय परिसर में इस संस्थान के उद्घाटन आयोजन में सक्रिय सहभागिता की। 10 मार्च 2018 को इस ऐतिहासिक बैठक में, सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज की स्थापना बौद्ध सिद्धांतों के अनुरूप की गई थी और वेसाक माह में एसएसबीएस का औपचारिक रूप से उद्घाटन करने का निर्णय लिया गया था। यह जनपद मेरठ के इतिहास में पहली घटना थी जब बौद्ध धर्म और बौद्धसंघ के लगभग सभी संप्रदायों के विद्वानों का प्रतिनिधित्व रहा व बौद्ध अध्ययन की प्रगति हेतु सभी एक मंच पर एकत्रित हुए। इस ऐतिहासिक अवसर पर, 13 देशों के लगभग 130 बौद्ध भिक्षुओं, विद्वानों और शिक्षकों ने बोधि वृक्ष को श्रद्धांजलि दी। यह भी उल्लेखनीय है कि स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय परिसर में, सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज के समीप एक प्राचीन बोधि वृक्ष है जिसकी आयु लगभग 115 है। विशेषज्ञों द्वारा इस तथ्य की पुष्टि की गई है।

आयोजन समिति

दिनाँक

15 से 17 फरवरी 2023

मुख्य संरक्षक

डॉ. अतुल कृष्ण

संस्थापक

स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ

सुश्री स्तुति नारायण कक्कड़

कुलाधिपति

स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ

संरक्षक मंडल

प्रो. ( डॉ.) जी.के. थपलियाल

कुलपति

स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ

प्रो. ( डॉ.) शल्या राज

मुख्य कार्यकारी अधिकारी

स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ

डॉ. हीरो हितो

प्रशासनिक प्रमुख एवं मुख्य सलाहकार

सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज

स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ

प्रो. (डॉ.) पिंटू मिश्रा

अधिष्ठाता- ललित कला संकाय

स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ।

कार्यशाला विषय विशेषज्ञ

पद्मश्री डॉ.  माधुरी बड़थ्वाल

मुख्य संयोजक

डॉ. सीमा शर्मा

सह आचार्य (हिंदी),

स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ

कार्यशाला संयोजक

प्रो.(डॉ.) भावना ग्रोवर,

प्रोफेसर एवं अध्यक्ष

परफोर्मिंग आर्ट्स विभाग

स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ।

महोत्सव आयोजन समिति

डॉ. श्वेता चौधरी (सहा. आचार्य, कथक), सुश्री श्वेता सिंह (सहा.आचार्य कथक), सुश्री तनुश्री कश्यप (सहा. आचार्य गायन), प्रो.आर.एन शर्मा, डॉ.चंपालाल मंद्रेलेडॉ.पल्लबी मुखर्जीडॉ. मनीषा त्यागीडॉ. यशपाल, डॉ. आलोक वर्मा, डॉ.प्रवीण, सुश्री पल्लवी त्यागीश्री समीर सिंहश्री प्रवीण कुमार।

IT Support

Marketing & Communication Team & IT Team, Swami Vivekanand Subharti University, Meerut.

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